अरंडी तेल के फायदे और नुकसान – castor oil Benefits and Side effects in Hindi
Castor oil in Hindi. कैस्टर ऑयल बेनिफिट को हर कोई नहीं जानता । यह प्राचीन समय से ही उपयोग किया जाने वाला एक वनस्पतिक तेल है। अरंडी के तेल का फायदे होने के कारण कई बीमारियों को दूर करने के लिए एरंडेल तेल उपयोग किया जाता है। अरंडी का वानस्पतिक नाम रिसीनस कम्युनिस (Ricinus communis) है। अरंडी के तेल का उपयोग सामान्य रूप से कब्ज और गठिया के इलाज के लिए लाभकारी होता है। हालांकि अरंडी के तेल के लाभ हेल्थ, स्किन और हेयर प्रॉब्लम के लिए होते हैं।
कैस्टर आयल इन प्रगनेंसी के साथ ही अरंडी का तेल आमतौर पर विभिन्न प्रकार की दवाओं और त्वचा सौंदर्य उत्पादों के लिए इस्तेमाल किया जाता है। आप भी अरंडी के तेल का फायदा प्राप्त करने के लिए इन उत्पादों को प्रयोग कर सकते हैं। इस लेख में अरंडी तेल के फायदे और नुकसान संबंधी जानकारी बताई जा रही है।
अरंडी का तेल क्या है – What is Castor Oil in Hindi
कैस्टर ऑयल (अरंडी के तेल) को प्राकृतिक वनस्पति तेल के रूप में एक विशेष प्रकार की औषधी के रूप में जाना जाता है। अरंडी के पौधे से प्राप्त बीजों में यह तेल भरपूर मात्रा में भरा होता है। इन बीजों से औषधीय गुण वाला अंडी का तेल प्राप्त किया जाता है। यहां हम आपको बता रहे हैं कि अरंडी तेल के फायदे और नुकसान क्या हैं और उन्हें किस प्रकार प्राप्त किया जा सकता है।
अरंडी का वानस्पतिक नाम क्या है – What is Castor Scientific Name in Hindi
रिसीनस कम्युनिस (Ricinus communis)
अरंडी के अन्य नाम – Other names for Castor
1. हिंदी में – एरंडी (अरंडी) का तेल (Castor Oil)
2. तेलगु में – आमुदामु
3. बंगाली में – रिरिरा टेला
4. मराठी में – इरांदेला तेला
5. तमिल में – अमानक्कु एनी
6. मलयालम में – अवानक्केना
अरंडी तेल के पोषक तत्व – Nutrients of Castor Oil in Hindi
अपने पोषक तत्वों के कारण ही अरंडी का तेल विभिन्न स्वास्थ्य समस्याओं को प्रभावी रूप से दूर करता है। अरंडी के तेल में सबसे अच्छी मात्रा रिकिनोइलिक एसिड (ricinoleic acid) होता है। यह अरंडी तेल में लगभग 90 % होता है। इसके अलावा अरंडी के तेल में अन्य एसिड होते हैं। जो इस प्रकार हैं।
1. लिनोलिक एसिड (Linoleic acid) अरंडी तेल का लगभग 4 प्रतिशत
2. ओलिक एसिड (Oleic acid) अरंडी के तेल का लगभग 3 प्रतिशत
3. स्टीयरिक एसिड (Stearic acid) लगभग 1 प्रतिशत
4. अन्य फैटी एसिड 1 प्रतिशत से कम मात्रा में होते हैं।
अरंडी तेल के फायदे – Castor Oil Ke Fayde in Hindi
खनिज पदार्थ से भरपूर अरंडी के तेल में बहुत से औषधीय गुण होते हैं। सामान्य रूप से अरंडी के तेल का इस्तेमाल त्वचा और बालों सबंधी समस्याओं को दूर करने के लिए किया जाता है। लेकिन स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के लिए भी अरंडी का तेल लाभकारी होता है। आइए विस्तार से जाने कैस्टर ऑयल के बेनिफिट्स क्या हैं।
अरंडी तेल कैसे काम करता है – How Does Castor Oil Work in Hindi
अरंडी के तेल में रिसिनोलिक एसिड (ricinoleic acid), मोनोअनसैचुरेटेड फैटी एसिड (monounsaturated fatty acid) की उच्च मात्रा होती है। हालांकि अरंडी का तेल गंधहीन होता है और इसमें किसी प्रकार का स्वाद भी नहीं होता है। यदि आप सोच रहे हैं कि अरंडी के तेल के
केवल फायदे ही होते हैं तो ऐसा नहीं है। अरंडी तेल उपयोग करने के कुछ संभावित नुकसान या दुष्प्रभाव भी होते हैं जिसकी जानकारी लेख के अंत में दी जा रही है।
कैस्टर ऑयल के लाभ स्वास्थ्य के लिए क्या हैं – What Are The Health Benefits Of Castor Oil in Hindi
कैस्टर ऑयल का सबसे प्रमुख उपयोग कब्ज को दूर करने के लिए किया जाता है। क्योंकि अरंडी के तेल में पेट को साफ करने वाले गुण (laxative) होते हैं। इसके अलावा अरंडी तेल में मौजूद एंटी-इंफ्लामेटरी गुण गठिया के दर्द और अन्य कॉस्मेटिक समस्याओं का इलाज करने में मदद करते हैं।
अरंडी तेल के फायदे कब्ज के लिए – Castor Oil Benefits For Constipation in Hindi
कब्ज का इलाज करने के लिए अरंडी का तेल उपयोग किया जा सकता है। अरंडी के तेल में एक उत्तेजक और पेट को साफ करने वाले गुण उच्च मात्रा में होते हैं। मौखिक रूप से अरंडी का सेवन करने पर यह मल को अच्छी तरह से स्थानांतरित करने में मदद कर सकता है। लेकिन इस बात का ध्यान रखें कि बहुत अधिक मात्रा में इस तेल का सेवन न करें। क्योंकि उत्तेजक गुण होने के कारण यह आपकी समस्या को और अधिक बढ़ा सकता है।
अध्ययनों से पता चलता है कि अरंडी के तेल का इस्तेमाल करने से मल त्यागने के दौरान तनाव कम होता है। साथ ही यह मल को पूर्ण रूप से निष्कासित करने में भी मदद करता है।
अरंडी तेल की खुराक – कैस्टर ऑयल औषधीय वनस्पति तेल है जिसका अधिक मात्रा में उपभोग करना नुकसानदायक हो सकता है।
हालांकि दैनिक आधार पर 15 मिलीलीटर मात्रा का सेवन करना सुरक्षित माना जाता है। आप कब्ज से राहत पाने के लिए लगभग 3 चम्मच अरंडी के तेल का सेवन करें। अरंडी के तेल का उपयोग करने के लगभग 2 से 3 घंटों के अंदर आपको मल त्याग करने का अनुभव हो सकता है।
कैस्टर ऑयल बेनिफिट्स फॉर वेट लॉस – Castor Oil Benefits For Weight Loss in Hindi
मोटापा घटाने के लिए आयुर्वेदिक उपचार के रूप में अरंडी के तेल का इस्तेमाल किया जा सकता है। अरंडी के तेल में वजन कम करने वाले गुण होते हैं। यदि आप भी अपना मोटापा कम करना चाहते हैं तो अरंडी के तेल प्रयोग कर सकते हैं। इसके लिए आप अरंडी का तेल आधारित पेय का सेवन कर सकते हैं। यह भूख को नियंत्रित करने में सहायक होता है। अरंडी तेल के औषधीय गुण चयापचय को बढ़ाने में सहायक होते हैं। जिससे आपको वजन घटाने में मदद मिल सकती है।
आपको चाहिए – 1 अदरक का टुकड़ा, 1 ग्रीन टी-बैग, एक चम्मच अरंडी का तेल और 1 कप पानी।
आप पहले 1 कप पानी को गर्म करें और फिर इसमें अदरक को कुचलकर डालें। इस मिश्रण को लगभग 5 मिनिट तक उबालें और फिर इसे छानकर कप में निकाल लें। इसके बाद आप अपने कप में ग्रीन-टी बैग को 1 मिनिट के लिए छोड़ दें। फिर आप इस मिश्रण में 1 चम्मच अरंडी का तेल मिलाएं और इसका सेवन करें। नियमित रूप से कुछ दिनों तक उपयोग करने पर आप अपने वजन में परिवर्तन देख सकते हैं।
अरंडी तेल के लाभ गठिया के लिए – Castor Oil Benefits For Arthritis in Hindi
यदि आप लंबे समय से गठिया के दर्द और सूजन से परेशान हैं तो अरंडी तेल का इस्तेमाल कर सकते हैं। अध्ययनों से पता चलता है कि जोड़ों के दर्द और सूजन संबंधी लक्षणों को कम करने में अरंडी तेल के लाभ होते हैं। कैस्टर ऑयल में मौजूद रिकिनोइलिक एसिड (ricinoleic acid) में दर्दनाशक (analgesic) और एंटी-इंफ्लामेटरी गुण होते हैं। जिसके कारण यह गठिया का आयुर्वेदिक इलाज कर सकता है।
एक अध्ययन से पता चलता है कि ऑस्टियोआर्थराइटिस के इलाज के लिए 4 सप्ताह तक रोजाना दिन में तीन बार अंरडी के तेल आधारित कैप्सूल का सेवन करने से लक्षणों में कमी आती है। इसके अलावा गठिया (Arthritis) का इलाज करने के लिए अरंडी के तेल को प्रभावित क्षेत्र में लगाकर मालिश भी की जा सकती है जिससे दर्द और सूजन को कम किया जा सकता है।
अरंडी का तेल करे सर्दी-जुकाम का इलाज – Castor Oil For Treat Cold and Cough in Hindi
हमारी कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली के कारण सर्दी-जुकाम जैसी समस्याएं होती हैं। लेकिन इन लक्षणों को दूर करने के लिए आप अरंडी के तेल का इस्तेमाल कर सकते हैं। सर्दी जुकाम को दूर करने के लिए अरंडी का तेल बहुत ही प्रभावी माना जाता है।
सर्दी जुकाम के लिए आपको चाहिए – आधा कप अरंडी का तेल, 2-4 लहसुन की कलियां, 1 चम्मच अदरक का पेस्ट, 2-4 बूंद नीलगिरी तेल, ½ चम्मच लाल मिर्च पाउडर
लहसुन की कलियों को कुचलकर अरंडी के तेल में मिलाएं। इस मिश्रण में अब अदरक के पेस्ट, लाल मिर्च और नीलगिरी तेल को मिलाएं। इस मिश्रण को अच्छी तरह से मिलाएं और फिर रोगी के सीने में लगाकर अच्छी तरह से मालिश करें। यह आपकी रोग प्रतिरक्षा प्रणाली को बेहतर बनाने में सहायक हो सकता है।
(और पढें –सर्दी दूर करने के घरेलू उपाय – Home Remedies For Winter Cold in Hindi )
अरंडी तेल का उपयोग पथरी के लिए – Castor Oil For Treat Gallstones in Hindi
पित्ताशय की पथरी (Gallstones) का इलाज करने में अरंडी का तेल इस्तेमाल किया जा सकता है। हालांकि शोध बहुत ही सीमित हैं लेकिन लोगों का मानना है कि अरंडी के तेल का इस्तेमाल लाभ दिला सकता है। अरंडी का तेल पित्त पथरी से संबंधित दर्द और सूजन को कम करने में मदद कर सकता है।
कैस्टर ऑयल से पथरी का घरेलू इलाज करने के लिए आपको इस तेल से पेट की मालिश करनी चाहिए। इसके लिए आप अरंडी के तेल को हल्का गुनगुना होने तक गर्म करें और फिर इस से पेट की मालिश करें। लेकिन आपको सलाह दी जाती है इस उपचार को करने के पहले आपको अपने चिकित्सक से सलाह लेना चाहिए।
एरंडेल तेल का प्रयोग कमर दर्द के लिए – Arandi Tel Ka Prayog Kamar Dard Ke Liye in Hindi
जिन महिलाओं को कमर में दर्द (Back pain) जैसी समस्या होती है उनके लिए अरंडी का तेल बहुत ही प्रभावी है। अरंडी के तेल में रिसिनोलेस एसिड (ricinoleic acid) होता है जिसमें एंटी-इंफ्लामेटरी और दर्दनाशक गुण होते हैं। जिसके कारण अरंडी का तेल न केवल दर्द के लक्षणों को कम कर सकता है बल्कि आपको तुरंत ही राहत दिला सकता है। कमर दर्द को कम करने के लिए आप अरंडी के तेल को हल्का गर्म करें और प्रभावित क्षेत्र में लगाकर मालिश करें।
अरंडी के तेल का इस्तेमाल बांझपन के उपचार में – Castor Oil Treat Infertility in Hindi
अरंडी के तेल का प्रयोग करके बांझपन का घरेलू उपचार किया जासकता है। हालांकि इसमें भी अभी और शोध करने की आवश्यकता है। लेकिन कुछ शोधों से पता चलता है कि अरंडी का तेल ब्लॉक फैलोपियन ट्यूब (fallopian tubes) को खोल सकता सकता है। बंद फैलापियन ट्यूब महिलाओं में बांझपन का कारण बन सकता है। जिसे चिकित्सकीय रूप में ट्यूबलर फैक्टर इनफर्टिलिटी (tubal factor infertility) भी कहा जाता है।
कैस्टर ऑयल फॉर प्लांटर फेशिआइटिस – Castor Oil For Plantar Fasciitis in Hindi
प्लांटर फेशिआइटिस (Plantar Fasciitis) में आपके पैर के निचले हिस्से में त्वचा कोशिकाओं की सूजन होती है। जिसके कारण पैदल चलने के दौरान दर्द होता है। एक अध्ययन के अनुसार अरंडी का तेल प्लांटर फेशिआइटिस के कारण होने वाले एडी के दर्द को कम करने में मदद करता है। यदि आप भी इस प्रकार की समस्या से परेशान हैं तो अरंडी के तेल का इस्तेमाल कर लाभ प्राप्त कर सकते हैं।
फाइब्रॉएड के लिए अच्छा है अरंडी का तेल – Castor Oil For Fibroids in Hindi
फाइब्रॉएड (Fibroids) एक प्रकार के ट्यूमर होते हैं जो गर्भाशय में होते हैं। हालांकि ये ट्यूमर या गांठ (Tumor) नरम होते हैं जो किसी प्रकार के कैंसर की संभावना नहीं है। हालांकि इस प्रकार की समस्या का उपचार करने के लिए अरंडी के तेल पर कोई शोध नहीं किया गया है। लेकिन पोषक तत्वों और उपचार गुण होने के कारण ऐसा माना जाता है कि यह फाइब्रॉएड के उपचार में मदद कर सकता है।
अरंडी का तेल कब्ज से राहत दिला सकता है जो फाइब्रॉएड का प्रमुख लक्षण माना जाता है। प्रभावित दर्द कम करने के लिए आप अरंडी के तेल को प्रभावित क्षेत्र में 30 मिनिट के लिए लगा सकते हैं। यह प्रभावित क्षेत्र में ऊर्जा के प्रवाह को भी बढ़ा सकता है।
अरंडी तेल के गुण बवासीर के लिए – Castor Oil For Treat Hemorrhoids in Hindi
बवासीर एक गंभीर समस्या है जो कि बेहद दर्दनाक और असुविधाजनक होती है। बवासीर आपके मलाशय और गुदा के सबसे निचले हिस्से में नसों की सूजन के कारण होता है। आमतौर पर यह स्थिति अधिक दर्द और रक्तस्राव का कारण होता है। अध्ययनों से पता चलता है कि अरंडी के बीज का उपयोग बवासीर के उपचार के लिए किया जा सकता है।
अरंडी के बीज और तेल में एंटी-इंफ्लामेटरी गुण होते हैं। जिसके कारण यह प्रभावति क्षेत्र में नसों की सूजन को कम कर सकता है। हालांकि यह निश्चित करना मुश्किल है कि अरंडी का तेल कितना प्रभावी है। लेकिन फिर भी इसका उपयोग करने से पहले आपको अपने चिकित्सक से सलाह लेना आवश्यक है।
अरंडी के बीज एंडोमेट्रियोसिस का इलाज करे – Castor Seed For Treat Endometriosis in Hindi
एंडोमेट्रियोसिस (Endometriosis) महिलाओं को होने वाली एक विशेष समस्या है। यह एक ऐसी स्थिति है जिसमें गर्भाशय के अस्तर में विकसित होने वाले ऊतक गर्भाशय के बाहर बढ़ने लगते हैं। जिसके परिणामस्वरूप महिलाओं को पीरियड्स में देदी और अधिक दर्द सहित मासिक धर्म की अन्य समस्याएं होती हैं।
हालांकि इस विषय पर भी अरंडी के तेल संबंधी शोध कम हैं। लेकिन कुछ प्रमाण हैं जो अरंडी के तेल का उपयोग करने का समर्थन करते हैं। ऐसी स्थिति में अरंडी के तेल से पेट की मालिश करने पर राहत मिल सकती है। यदि आप भी समस्या से परेशान हैं तो अरंडी के गुनगुने गर्म तेल का प्रयोग कर सकती हैं।
अतिरिक्त लाभ प्राप्त करने के लिए आप इस तेल में लैवेंडर या अन्य आवश्यक तेल की कुछ बूंदें भी मिला सकती हैं जो आपकी पेल्विक मांसपेशियों को आराम दिलाने में सहायक हो सकते हैं। इस उपचार को आप अपने पीरियड्स शुरू होने के पहले करें। लेकिन पीरियड्स के दौरान इस उपाय को करने से बचना चाहिए।
अरंडी के तेल के फायदे प्रसव के लिए – Castor Oil Benefits For Delivery in Hindi
गर्भावस्था के दौरान अरंडी तेल का सेवन करने पर प्राप्त होने वाले लाभ संदेह पूर्ण हैं। अरंडी के तेल में प्रसव को प्रेरित करने वाले गुणों के साथ ही पेट साफ करने वाले (laxative) गुण भी होते हें। जिसके कारण यह आंत्र और योनि तंत्रिका को उत्तेजित करता है। साथ ही महिला को बार-बार मल त्यागने का अनुभव हो सकता है। एक अध्ययन से पता चलता है कि अरंडी का तेल सेवन करने पर महिलाओं को 24 घंटे के अंदर प्रसव होने की संभावना अधिक होती है।
इस अध्ययन में बताया गया है कि अरंडी का तेल प्रसव को उत्तेजित करने का सबसे आसान तरीका है। अध्ययन से यह भी पता चलता है कि कैस्टर ऑयल का उपयोग करने से मां और बच्चे को किसी प्रकार का नुकसान नहीं होता है।
इस अध्ययन के परिणाम मिश्रण हैं लेकिन माना जाता है कि अरंडी के तेल का नाकारात्मक प्रभाव कम होता है। लेकिन यदि आप प्रसव उत्प्रेरण के लिए अरंडी के तेल का इस्तेमाल करना चाहती हैं तो सबसे पहले अपने डॉक्टर से सलाह लें।
अरंडी तेल के फायदे त्वचा के लिए – Arandi Tel Ke Fayde Twacha Ke Liye in Hindi
स्वास्थ्य संबंधी विभिन्न समस्याओं को दूर करने में अरंडी का तेल अहम भूमिका निभाता है। लेकिन स्वास्थ्य के साथ ही कैस्टर ऑयल के फायदे त्वचा के लिए भी होते हैं। यहां त्वचा के लिए अरंडी तेल के फायदे संबंधी जानकारी दी जा रही है। जिन्हें जानकर आप भी लाभ प्राप्त कर सकते हैं।
अरंडी तेल का इस्तेमाल एंटी-एजिंग के लिए – Castor Oil For Anti-Aging in Hindi
आज अधिकांश लोगों में समय से पहले उम्र बढ़ने संबंधी लक्षण (झुर्रियां) दिखाई देते हैं। ये सभी लक्षण शरीर में पोषक तत्वों की कमी और त्वचा कोशिकाओं को नुकसान पहुंचाने वाले फ्री रेडिकल्स के प्रभावों के कारण होते हैं। इस तरह की समस्या से छुटकारा पाने का सबसे आसान तरीका अरंडी के तेल का इस्तेमाल करना है। यह त्वचा की सूजन कम करने और फ्री रेडिकल्स के प्रभाव को कम करने में सक्षम होता है।
आप रात में सोते समय अपनी आंखों के नीचे, होठ के चारो ओर, अपने माथे और ठोड़ी और लगभग पूरे चेहरे पर अरंडी के तेल का प्रयोग कर सकते हैं। अगली सुबह आप अपने चेहरे को अच्छी तरह से धो लें। नियमित रूप से कुछ दिनों तक उपयोग करने पर अरंडी का तेल उम्र बढ़ने संबंधी लक्षणों को आसानी से कम कर सकता है।
अरंडी का तेल करे मुंहासे का इलाज – Castor Oil Can Treat Acne And Scars in Hindi
जिन लोगों को मुंहासे संबंधी समस्या होती है उनके लिए अधिकांश तेल अच्छे नहीं होते हैं। क्योंकि इन तेलों का उपयोग करने पर उनकी समस्या और अधिक बढ़ सकती है। ऐसी स्थिति में मुंहासों का उपचार करने के लिए अरंडी का तेल अच्छा माना जाता है। इसमें मौजूद एंटीऑक्सीडेंट मुंहासे संबंधी बैक्टीरिया और फ्री रेडिकल्स के प्रभाव को कम करने में मदद करते हैं।
आप भी मुंहासों का उपचार करने क लिए अरंडी के तेल की कुछ बूंदें ले सकते हैं। अपने चेहरे को गर्म पानी से साफ करें फिर इस तेल को प्रभावित क्षेत्र या मुंहासों में लगाएं। आप ऐसा रात में सोने के पहले भी कर सकते हैं। अगली सुबह आप अपने चेहरे को ठंडे पानी से धो लें। ऐसा करने पर आप कुछ ही दिनों में मुंहासों से छुटकारा पा सकते हैं।
(और पढें – स्किन एलर्जी के घरेलू उपाय – Skin Allergy ke Gharelu Upay in Hindi)
अंडी के बीज का तेल एक्जिमा का इलाज करे – Castor Oil Treat Eczema in Hindi
अंडी के बीजों से प्राप्त कैस्टर ऑयल सोरायसिस और एक्जिमा (psoriasis and eczema) जैसी त्वचा समस्याओं को प्रभावी रूप से ठीक कर सकता है। एक पशू अध्ययन से पता चलता है कि अरंडी तेल में मौजूद रिकिनाइलिक एसिड (ricinoleic acid) दर्द और सूजन को कम करने में सहायक होता है। हालांकि अभी भी मानव आधारित शोध की आवश्यकता है। लेकिन इस तेल के गुणों के कारण माना जाता है कि यह प्रभावी है।
आप रात में सोने से पहले एक्जिमा प्रभावित क्षेत्र में अरंडी का तेल लगाएं और सो जाएं। अरंडी का तेल प्रभावित क्षेत्र को प्राकृतिक रूप से मॉइस्चराइज करता है। कैस्टर ऑयल के गुण कैंडिडा (candida) नामक फंगल संक्रमण से भी लड़ता है जो कई त्वचा समस्याओं का कारण होता है।
अरंडी का तेल मोल्स का प्राकृतिक इलाज – Castor Oil Treat Moles in Hindi
यह वैज्ञानिक रूप से प्रमाणित नहीं है कि अरंडी का तेल त्वचा में होने वाले तिल या मोल्स (Moles) का उपचार कर सकते हैं। लेकिन कुछ दावे हैं जो अरंडी तेल की प्रभावशीलता की बात करते हैं। यदि आप भी अपने चेहरे या त्वचा में मौजूद तिल को दूर करना चाहते हैं तो अरंडी के तेल को सीधी ही तिल के ऊपर लगाएं।
इस प्रक्रिया को नियमित रूप से तब तक दिन में 2 बार दोहराएं जब तक अपका तिल पूरी तरह से गायब न हो जाए। गोंद की तरह स्थिरता प्राप्त करने के लिए आप अरंडी के तेल में बेकिंड सोडा मिला सकते हैं। इस मिश्रण को आप तिल के ऊपर लगाएं और इसे चिपकने वाली पट्टी से चिपका दें। अगली सुबह पट्टी हटाएं और साफ पानी से चेहरे को धो लें। कुछ दिनों तक लगातार इस विधि को अपनाने से आपको फायदा मिल सकता है।
अरंडी तेल का फायदा जननांग मस्सा के लिए – Castor Oil Treat Genital Warts in Hindi
लोगों का मानना है कि जननांग में होने वाले मस्सा को कम करने के लिए अरंडी का तेल लाभकारी होता है। यदि आप भी जननांग में होने वाले मस्से से परेशान हैं तो अरंडी तेल को प्रतिदिन इन मस्सों में लगाएं। इसके अलावा आप अदरक के टुकड़े का भी इस्तेमाल कर सकते हैं। इन दोनों उपाय को नियमित रूप से कुछ दिनों तक करने से आपको जननांग मस्सा से छुटकारा मिल सकता है।
कैस्टर ऑयल का फायदा फटे होंठ के लिए – Castor Oil Benefits for Chapped Lips in Hindi
अक्सर सर्दियों में होंठ फटने जैसी समस्याएं होती हैं। लेकिन कैस्टर ऑयल फटे होंठ को ठीक करने का सबसे अच्छा उपाय है। अरंडी के तेल में विटामिन ई, खनिज पदार्थ और अन्य एंटीऑक्सीडेंट उच्च मात्रा में होते हैं। ये सभी घटक त्वचा स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में सहायक होते हैं।
यदि आप त्वचा संबंधी समस्याओं का उपचार कर रहे हैं तब ध्यान रखें कि अरंडी का तेल मौखिक रूप से नहीं लिया जाना चाहिए। इसके अलावा त्वचा पर उपयोग करने से पहले किसी छोटे हिस्से में इस तेल को लगाकर परीक्षण करना भी अनिवार्य है। जिससे आपको इसके दुष्प्रभाव संबंधी जानकारी प्राप्त हो सके।
अरंडी तेल के लाभ ड्राई स्किन के लिए – Castor Oil Benefits For Dry Skin in Hindi
शुष्क या ड्राई स्किन बहुत से लोगों की समस्या होती है। लेकिन ड्राई स्किन का प्रभावी इलाज अरंडी के तेल से किया जा सकता है। यदि आप भी शुष्क और ड्राई स्किन से परेशान हैं तो त्वचा में कैस्टर आयल लगाएं। इसके लिए आप एक कटोरी में अरंडी का तेल लें और रात में सोने से पहले रूई की मदद से पूरे चेहरे में लगाएं।
अगली सुबह साफ पानी से अपने चेहरे को धो लें। अरंडी के तेल मॉइस्चराइजिंग गुण होते हैं। जो त्वचा को प्राकृतिक रूप से मॉइस्चराइज रखते हैं। कैस्टर ऑयल में त्वचा के समस्याओं को दूर करने के गुण पाए जाते हैं जिसका प्रयोग कई तरह की त्वचा की समस्याओं को दूर करने में किया जाता है।
(और पढें – ब्लैकहेड्स के लिए घरेलू उपाय – Blackheads Ke Liye Gharelu Upay in Hindi)
अरंडी तेल का प्रयोग स्ट्रेच मार्क्स के लिए – Castor Oil Benefits for Stretch Marks in Hindi
स्ट्रेच मार्क्स मुख्य रूप से गर्भावस्था के बाद अधिक देखने मिलते हैं। हालांकि ये स्ट्रेच मार्क्स त्वचा में आने वाले अचानक खिंचाव के कारण आते हैं। स्ट्रेच मॉर्क्स दूर करने के लिए अरंडी का तेल सबसे अच्छा उपाय है। ऐसा इसलिए है क्योंकि अरंडी के तेल में फैटी एसिड की अच्छी मात्रा होती है। इसलिए गर्भावस्था के बाद आने वाले स्ट्रेच मार्क्स से बचने के लिए इस तेल का प्रयोग किया जा सकता है। आप गर्भावस्था के अंतिम 2 महीनों के दौरान इस तेल का उपयोग कर सकते हैं। जिससे स्ट्रेच मार्क्स आने से बचा जा सकता है।
अरंडी तेल का फायदा बालों के लिए – Castor Oil Benefits For Hair in Hindi
स्वास्थ्य और त्वचा के साथ ही अरंडी का तेल बालों के लिए फायदेमंद होता है। इसमें मौजूद पोषक तत्व और खनिज पदार्थ विभिन्न प्रकार की बालों संबधी समस्याओं को दूर करने में सहायक होते हैं। आइए जाने अरंडी तेल का फायदा बालों को किस प्रकार स्वस्थ रखता है।
अरंडी का तेल बाल बढ़ने में मदद करे – Castor Oil For Hair Growth in Hindi
बालों की वृद्धि के लिए अरंडी का तेल एक अच्छा और प्रभावी घरेलू उपाय है। यह बालों की जड़ों में जाकर रक्त परिसंचरण को बढ़ावा देता है। जिससे बालों को पर्याप्त पोषण मिलता है जिससे बालों को बढ़ने में मदद मिलती है। अरंडी के तेल में ओमेगा-9 फैटी एसिड भी उच्च मात्रा में होता है जो बालों को बढ़ने और इन्हें मॉइस्चराइज रखने में मदद करता है। तेजी से हेयर ग्रोथ के लिए आप अपने बालों में अरंडी के तेल का इस्तेमाल कर सकते हैं।
आपको चाहिए – 1 चम्मच अरंडी का तेल, 2 चम्मच नारियल का तेल और कॉटन बॉल या रूई।
इन दोनों तेलों को एक कटोरी में मिलाकर सोने से पहले रूई की मदद से बालों की जड़ों में लगाएं। इस बात का विशेष ध्यान रखें कि इस मिश्रण को बालों की जड़ों में लगाना है ना कि बालों में। अच्छी तरह से तेल लग जाने के बाद लगभग 10 मिनिट तक अपने सिर की हल्की मालिश करें। इसके बाद अगली सुबह अपने बालों को सामान्य पानी से या हल्के शैंपू से धो लें। अच्छे परिणाम पाने के लिए आप इस उपाय को सप्ताह में 2-3 बार तक दोहरा सकते हैं।
अरंडी तेल का उपयोग डैंड्रफ दूर करे – Castor Oil For Dandruff in Hindi
सिर में रूसी आना महिला और पुरुष दोनों की समस्या होती है। लेकिन डैंड्रफ से छुटकारा पाने के लिए भी आप अरंडी के तेल का इस्तेमाल कर सकते हैं। इसके लिए आपको चाहिए 2 चम्मच अरंडी का तेल और 2 चम्मच अदरक का रस।
आप इन दोनों को किसी कटोरी में अच्छी तरह से मिलाएं और इस मिश्रण को अपने पूरे सिर में लगाएं। लगभग 30 मिनिट के बाद आप अपने बालों को हल्के शैंपू से धो लें। सप्ताह में 3 बार उपयोग करने पर यह आपको रूसी से छुटकारा दिला सकता है।
अंडी का तेल बाल सफेद होने से बचाये – Castor Oil For White Hair in Hindi
समय से पहले बालों को सफेद होने से रोकने के लिए अरंडी का तेल एक अच्छा विकल्प है। आप अरंडी के तेल के साथ अन्य प्राकृतिक अवयवों के मिश्रण का उपयोग कर सकते हैं। जो आपके बालों को सफेद होने से बचा सकते हैं। सफेद बालों का उपचार करने के लिए आपको चाहिए। 1 चम्मच अरंडी का तेल और 2 चम्मच सरसों का तेल।
दोनों तेलों को अच्छी तरह से मिलाएं और हल्का गर्म करें। फिर इस तेल को अपने बालों को बालों की जड़ों में लगाएं। लगभग 10 मिनिट तक मालिश करें और फिर 45 मिनिट तक इंतेजार करें। इसके बाद आप अपने बालों को शैंपू से धो लें। यह उपाय आपके बालों को सफेद होने से रोक सकता है।
(और पढें – सर्दियों में बाल झड़ने के उपाय – Sardiyo Me Baal Jhadne Ke Upay in Hindi)
कैस्टर ऑयल सिर के संक्रमण का उपाय – Remedy for castor oil head infection in Hindi
गंदगी और बैक्टीरियल प्रभाव के कारण सिर में विभिन्न प्रकार के संक्रमण हो सकते हैं। लेकिन इन संक्रमणों से बचने का उपाय अरंडी तेल से किया जा सकता है। अरंडी के तेल में एंटी-फंगल और एंटी-बैक्टीरियल गुण होते हैं। जो सिर में होने वाले किसी भी संक्रमण का इलाज कर सकते हैं।
सिर के संक्रमण का उपचार करने के लिए आपको अरंडी का तेल और बादाम के तेल की आवश्यकता होती है। इन दोनों ही तेलों की बराबर मात्रा लें और अच्छी तरह से मिलाएं। इस तेल को रात में सोने से पहले अपने सिर में लगाएं और संभव हो तो शॉवर कैप से ढक लें। अगली सुबह अपने बालों को आप शैंपू कर सकते हैं। आप इस उपाय को हर दूसरे दिन तब तक उपयोग करें जब तक सिर का संक्रमण दूर न हो जाए।
अरंडी के तेल का इस्तेमाल बाल मुलायम बनाए – Castor Oil For Soft hair in Hindi
सभी लोग स्वस्थ और मुलायम बाल चाहते हैं। यदि आपके बाल भी ड्राई और घुंघराले हैं तो इन्हें मुलायम बनाने के लिए अरंडी के तेल का प्रयोग कर सकते हैं। अरंडी का तेल बालों में मॉइस्चराजेशन बनाए रखता है। जिसके कारण यह बालों को शुष्क, रूखा और बेजान होने से बचाता है। बालों को मुलायम बनाने के लिए आपको केवल अरंडी के तेल की आवश्यकता होती है। आप इस तेल को अपने कंडीशनर में मिलाएं और फिर शैंपू के बाद इस कंडीशनर का उपयोग करें।
(और पढें – बालों के लिए सबसे अच्छा तेल कौन सा है – balo ke liye sabse accha tel konsa hai in Hindi)
घर में अरंडी का तेल बनाने की विधि – How to Make Castor Oil At Home in Hindi
अरंडी का तेल विभिन्न प्रकार की स्वास्थ्य समस्याओं को दूर करने का सबसे अच्छा उपाय है। यहां अरंडी का तेल बनाने की विधि बताई जा रही है।
घर पर अरंडी का तेल बनाने के लिए आपको निम्न प्रक्रिया अपनाने की आवश्यकता है।
1. सबसे पहले आप अरंडी के फलों से बीजों को निकालें और इनहें धूप में अच्छी तरह से सुखा लें।
2. अच्छी तरह से सूखने के बाद इन बीजों को किसी कढ़ाई में भून लें।
3. इन भुने हुए अरंडी के बीजों को पीसकर बुरादा बना लें।
4. किसी बर्तन में इस अरंडी बीज के पाउडर या पेस्ट को डालें और इसमें पानी मिलाएं।
5. इस मिश्रण को लगभग 4 से 5 घंटों तक उबलने दें।
6. अच्छी तरह से उबलने के बाद इस मिश्रण को लगभग 8 घंटों तक सामान्य रूप से ठंडा होने दें। जिससे अरंडी का तेल पूरे मिश्रण के ऊपर तैरने लगेगा।
7. अब आप किसी चम्मच की मदद से इस तेल को निकालें और किसी कांच की बोतल में रख लें।
अरंडी तेल के नुकसान – Castor Oil ke Nuksan in Hindi
सामान्य रूप से अरंडी के तेल के फायदे बहुत अधिक और नुकसान बहुत कम हैं। हालांकि गलत तरीके से और जरूरत से ज्यादा मात्रा में अरंडी के तेल का इस्तेमाल करना आपके लिए नुकसानदायक हो सकता है। यहां कैस्टर ऑयल से संबंधित कुछ साइड इफेक्ट्स बताये जा रहे हैं जिनसे बचना जरूरी है।
गर्भावस्था – गर्भावस्था के दौरान अरंडी का तेल प्रसव को उत्तेजित करने में सहायक होता है। हालांकि इस तेल का उपयोग करने के दौरान यह इच्छा उस समय भी हो सकती है जब आपको इसकी आवश्यकता नहीं है। इसलिए गर्भावस्था के शुरुआती महीनों में गर्भवती महिला को अरंडी के तेल का उपयोग करने से बचना चाहिए।
डायरिया – कैस्टर ऑयल में राइसिन नामक एक घटक होता है। जिसकी मौजूदगी के कारण दस्त या डायरिया जैसी समस्याएं हो सकती हैं। हालांकि बाजार से खरीदे गए कैस्टर आयल में राइसिन को परिष्कृत प्रक्रिया के दौरान हटा दिया जाता है। लेकिन फिर भी अधिक मात्रा में इसका सेवन करने से उल्टी, दर्द, मतली आदि की समस्या हो सकती है।
एलर्जी – कुछ लोगों को अरंडी के बीज और इसके तेल से एलर्जी हो सकती है। इसलिए अरंडी के तेल का त्वचा में उपयोग करने से पहले किसी छोटे हिस्से में परीक्षण कर लेना चाहिए।